कू-ब-कू फैल गई बात शनासाई की
उस ने ख़ुश्बू की तरह मेरी पज़ीराई की
कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने
बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की
वो कहीं भी गया लौटा तो मेरे पास आया
बस यही बात है अच्छी मेरे हरजाई की
तेरा पहलू तेरे दिल की तरह आबाद रहे
तुझ पे गुज़रे न क़यामत शब-ए-तन्हाई की
उस ने जलती हुई पेशानी पे जो हाथ रखा
रूह तलक आ गई तासीर मसीहाई की
*************
उस ने ख़ुश्बू की तरह मेरी पज़ीराई की
कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने
बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की
वो कहीं भी गया लौटा तो मेरे पास आया
बस यही बात है अच्छी मेरे हरजाई की
तेरा पहलू तेरे दिल की तरह आबाद रहे
तुझ पे गुज़रे न क़यामत शब-ए-तन्हाई की
उस ने जलती हुई पेशानी पे जो हाथ रखा
रूह तलक आ गई तासीर मसीहाई की
*************
4 comments:
वो कहीं भी गया लौटा तो मेरे पास आया
बस यही बात है अच्छी मेरे हरजाई की
Khoobsoorat alfaaz!
बहुत बढिया
कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने
बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की
behatareen rachna. blog jagat men swagat hai.
हिंदी चिट्ठा जगत में आपको देखकर खुशी हुई .. सफलता के लिए बहुत शुभकामनाएं !!
Post a Comment
टिप्पणियाँ उत्साह बढ़ाती हैं । कृपया मेरी कृतज्ञता एवं धन्यवाद स्वीकार करें।