Wednesday, October 20, 2010

ये ज़माना यूसुफ़ को पत्थर बना देता है

वह माहताब को चरागे-सहर बना देता है
कभी कतरे को वह गुहर बना देता है ।

तासीर-ए-मेहर से अमीरे-शहर अक्सर
तुख्म-ए-गुल को शह-समर बना देता है ।

मुहब्बत की चिता का धुआँ कम्बख्त
शीरीं लबों को जाम-ए-जहर बना देता है ।

रब्त रसूखदारों से रखा करिए आप
ये बेहरूफ़ को भी सुखनवर बना देता है ।

इस्तेमाल करिए जो ज़ीने को जीने में
वह पिद्दी को भी नामवर बना देता है ।

मान लीजिए ये मशवरा सुजीत का वरना
ये ज़माना यूसुफ़ को पत्थर बना देता है ।
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Sunday, October 17, 2010

विकास

अपने हरियाले अतीत का
एकमात्र गवाह,
विगत का स्मृतिचिह्न
बूढ़ा पीपल यह,
बड़ा जिद्दी, बड़े जीवट वाला है,
कि खड़ा है जबर्दस्ती
बीचोबीच सालों साल से,

चौतरफा खड़ी चिमनियाँ
वार करती हैं दिन-रात
और यह मरता ही नहीं.

यह तो और हुमक उठता है हर बरसात में.

और कारखाने की चारदीवारी
फैलती जाती है हर साल,
इसी पेड़ के वितान की तरह,

सिमटती जाती हैं
आश्रयस्थलियाँ
मक्कों की बालियों की.
दूब भाग रही थोड़ी जगह खोजने
लॉनों की तरफ,
नदियाँ
जल ले आती हैं
और मल ले जाती हैं,
पहाड़ छीजते हैं चिंता में
कि कम न पड़े गिट्टियों की सप्लाई.

और यह पीपल,
जिए जाता है
अतीत से दग्द्ध पर भविष्य से निश्चिंत.

किंतु हुआ है उदास पहली बार आज,
कि
घोंसले में चिड़ा कह रहा था चिड़ी को
“चलें कहीं और,
यहाँ विकास बहुत हो गया है.”
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परी

यह परीकथा ही थी
उस चीकट लड़की के लिए :

चौराहे पर रुकी बड़ी गाड़ी
और उसमें बैठी छुटकी मेमसाब ने
पकड़ा दिया
खिड़की के पास खड़ी उसे
नीला पैकेट चाकलेट का.

बड़े साहब मेमसाहब को बोले
“क्या उजबक बेटी है तेरी”

और वह सोच ही रही थी
बड़े लोग परी को उजबक कहते हों शायद,
कि
बत्ती हरी हो गई.
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रक्त

रक्त
अति महत्वपूर्ण
निर्विवाद घटक है
विकास का,

कि
रूपांतर परियोजनाओं का
हरित-भू से लोहित-भू में
होता है
तल पर अपार रक्तपात के ही बाद
और
जरूरी होता है
रक्तिम रंग
करने के लिए प्रदान
विनिवेश योग्यता
खनन क्षेत्रों को भी.

धुलाते हैं लोग कई बार
व्यवस्थाओं की कालिमा भी
लाल पानियों से
हरित आखेटों के.
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Thursday, October 14, 2010

सामग्री प्रापण रणनीति (Procurement as a driver of Competitive Advantage)

व्यावसायिक संस्थानों में सामग्री प्रापण की सम्यक रणनीति के लाभ (Procurement as a driver of Competitive Advantage) पर एक अंग्रेज़ी आलेख यहाँ प्रस्तुत है।

Wednesday, October 13, 2010

ई आर पी (Enterprise Resource Planning : Management Issues)

ई आर पी से सम्बद्ध प्रबंधकीय मुद्‍दों (Enterprise Resource Planning : Management Issues) पर एक अंग्रेज़ी आलेख यहाँ प्रस्तुत है।

कार्यस्थलों पर अध्यात्मिकता (Spiritualism at Workplace)

कार्यस्थलों पर अध्यात्मिकता (Spiritualism at Workplace) से सम्बन्धित एक अंग्रेज़ी आलेख यहाँ प्रस्तुत है।

कार्यस्थलों पर महिलाएँ

कार्यस्थलों पर महिलाओं की स्थिति से सम्बन्धित एक अंग्रेज़ी आलेख यहाँ प्रस्तुत है।

मानव संसाधन विकास (Energizing business through HRD)

मानव संसाधन विकास द्वारा व्यावसायिक संस्थानों को ऊर्जस्वित करने (Energizing business through HRD) पर एक अंग्रेज़ी आलेख यहाँ प्रस्तुत है।

अभिप्रेरण (Motivation)

अभिप्रेरण (Motivation) पर एक अंग्रेज़ी आलेख यहाँ प्रस्तुत है।

प्रबंधकों की भूमिका (Role Expectations from Managers)

प्रबंधकों की भूमिका (Role Expectations from Managers) पर एक अंग्रेज़ी आलेख यहाँ प्रस्तुत है।

Thursday, October 7, 2010

"रचनात्मकता एवं नव-प्रवर्तन" (Creativity and Innovation) पर आलेख

"रचनात्मकता एवं नव-प्रवर्तन" (Creativity and Innovation) पर एक अंग्रेजी आलेख यहाँ प्रस्तुत है | 

Wednesday, October 6, 2010

"झारखंड और औद्योगिक विकास" पर आलेख

झारखंड और इसके औद्योगिक विकास  के विषय में यदि आपकी अभिरुचि हो तो दिसंबर 2008 में एक सेमिनार में पठित  और अभी भी प्रासंगिक मेरा एक अंग्रेजी आलेख यहाँ प्रस्तुत है |